जल्द मिलेगी टोल टैक्स से राहत: नितिन गडकरी का बड़ा ऐलान

राष्ट्रीय राजमार्गों पर बार-बार टोल चुकाने से परेशान निजी वाहन चालकों के लिए राहत भरी खबर है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि सरकार मासिक और वार्षिक टोल पास शुरू करने की योजना पर विचार कर रही है। गडकरी ने कहा कि निजी वाहनों का टोल संग्रह में योगदान केवल 26% है, जबकि 74% राजस्व वाणिज्यिक वाहनों से आता है।
टोल पास से राहत का विचार 💡
नितिन गडकरी ने कहा, “हम निजी वाहनों के लिए मासिक और वार्षिक पास शुरू करने पर विचार कर रहे हैं। इससे निजी वाहन मालिकों को बार-बार टोल चुकाने की आवश्यकता नहीं होगी।” उन्होंने बताया कि इस कदम से टोल संग्रह प्रणाली में सुधार होगा और वाहन चालकों को समय और धन दोनों की बचत होगी।
कुल टोल संग्रह | योगदान (%) |
---|---|
वाणिज्यिक वाहन | 74% |
निजी वाहन | 26% |
गांवों के बाहर होंगे टोल बूथ 🏡
ग्रामीणों की आवाजाही में कोई बाधा न हो, इसके लिए गांवों के बाहर टोल संग्रह बूथ स्थापित किए जाएंगे। यह कदम न केवल ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की सुविधा को ध्यान में रखेगा, बल्कि ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार भी करेगा।
GNSS प्रणाली: भविष्य की टोल प्रणाली 🌐
सरकार अब ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) आधारित टोल संग्रह प्रणाली लागू करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। यह तकनीक फास्टैग से भी अधिक उन्नत होगी और टोल संग्रह को पूरी तरह से डिजिटल बना देगी।
GNSS आधारित टोल प्रणाली के लाभ:
- सटीक टोल संग्रह: यात्रा की गई दूरी के आधार पर शुल्क लिया जाएगा।
- कम प्रतीक्षा समय: टोल प्लाजा पर लंबी लाइनों से छुटकारा।
- पायलट परीक्षण: कर्नाटक में बेंगलुरु-मैसूर और हरियाणा के पानीपत-हिसार खंड पर इसका सफल परीक्षण किया गया।
फास्टैग की सफलता और सीमाएं ⏳
फास्टैग ने टोल प्लाजा पर प्रतीक्षा समय को काफी कम किया है।
- 2018-19 में औसत प्रतीक्षा समय 8 मिनट था।
- 2020-21 और 2021-22 में यह घटकर 47 सेकंड रह गया।
हालांकि, शहरों के पास घनी आबादी वाले क्षेत्रों में पीक ऑवर्स के दौरान अभी भी ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है। GNSS आधारित प्रणाली इस समस्या का स्थायी समाधान होगी।
भविष्य की योजना: डिजिटल टोल प्रणाली 🚀
नितिन गडकरी ने बताया कि GNSS प्रणाली लागू होने के बाद वाहन चालक लंबी लाइनों से पूरी तरह मुक्त हो जाएंगे। यह प्रणाली न केवल यातायात की भीड़ को कम करेगी, बल्कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर डिजिटल टोल संग्रह को भी नई ऊंचाई पर ले जाएगी।
सिस्टम | औसत प्रतीक्षा समय |
---|---|
पारंपरिक टोल | 8 मिनट |
फास्टैग | 47 सेकंड |
GNSS प्रणाली (आगामी) | लगभग शून्य |
जनता को क्या होगा फायदा? 🛣️
- समय की बचत: टोल प्लाजा पर कम प्रतीक्षा समय।
- पारदर्शिता: यात्रा की गई दूरी के आधार पर शुल्क।
- सुविधा: मासिक और वार्षिक पास से बार-बार भुगतान की जरूरत खत्म।
- आधुनिक तकनीक: GNSS प्रणाली से टोल वसूली में सुधार।